Guru Arjun Dev Ji Martyrdom Day सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण दिन है, जो पांचवें सिख गुरु, श्री गुरु अर्जुन देव जी के बलिदान को स्मरण करता है। पंजाब सरकार ने 30 मई 2025 को इस अवसर पर पूरे राज्य में गजटेड छुट्टी घोषित की है। यह दिन ज्येष्ठ माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो सिख कैलेंडर के अनुसार मई या जून में पड़ता है। गुरु अर्जुन देव जी, जिन्हें 1606 में मुगल सम्राट जहांगीर ने शहीद किया, सिख धर्म के पहले शहीद गुरु थे। यह छुट्टी स्कूलों, कॉलेजों, और सरकारी कार्यालयों में मनाई जाएगी, जिससे लोग गुरु जी के बलिदान को याद कर सकें। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व और उत्सव।
गुरु अर्जुन देव जी का जीवन और योगदान
गुरु अर्जुन देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1563 को गोइंदवाल, पंजाब में हुआ था। उनके पिता गुरु रामदास जी (चौथे सिख गुरु) और माता भानी जी थीं। 1581 में, 18 वर्ष की आयु में, वे सिखों के पांचवें गुरु बने। गुरु अर्जुन देव जी ने अमृतसर में हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) की नींव रखी और इसके चार दरवाजे बनवाए, जो सभी जातियों और धर्मों के लिए सिख धर्म की पहुंच को दर्शाते हैं। उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब का संकलन किया, जिसमें गुरु नानक देव जी और अन्य गुरुओं की शिक्षाएं शामिल हैं। उनकी दूरदर्शिता और समावेशी दृष्टिकोण ने सिख धर्म को मजबूत किया।
शहीदी दिवस का ऐतिहासिक महत्व
Guru Arjun Dev Ji Martyrdom Day 30 मई 1606 को गुरु जी के बलिदान को चिह्नित करता है। मुगल सम्राट जहांगीर ने उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए दबाव डाला, लेकिन गुरु जी ने अपनी आस्था पर अडिग रहकर इनकार कर दिया। उन्हें लाहौर में गर्म लोहे की तपती प्लेट पर बैठाया गया और गर्म रेत डाली गई। उनकी शहादत ने सिख धर्म में बलिदान और साहस की भावना को जन्म दिया। यह घटना सिख इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी, जिसने सिखों में मार्शल भावना को प्रेरित किया। यह दिन सिख समुदाय को धार्मिक स्वतंत्रता और सत्य के लिए खड़े होने की प्रेरणा देता है।
पंजाब में 30 मई 2025 की छुट्टी
पंजाब सरकार ने 30 मई 2025 (शुक्रवार) को Guru Arjun Dev Ji Martyrdom Day के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज, और बैंक बंद रहेंगे, जिससे लोग गुरुद्वारों में प्रार्थना और लंगर में हिस्सा ले सकें। यह लंबा सप्ताहांत (शुक्रवार) लोगों को धार्मिक आयोजनों में शामिल होने का अवसर देगा। पंजाब के गुरुद्वारों, विशेष रूप से हरमंदिर साहिब, अमृतसर में भारी भीड़ होगी। X पर लोग इस छुट्टी की चर्चा कर रहे हैं, जिसमें श्रद्धालु उत्साह के साथ गुरु जी को श्रद्धांजलि देने की योजना बना रहे हैं।
उत्सव और परंपराएं
Guru Arjun Dev Ji Martyrdom Day पर सिख समुदाय गुरुद्वारों में इकट्ठा होता है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पूर्ण पाठ (अखंड पाठ) किया जाता है, और कीर्तन आयोजित होते हैं। लंगर में सभी धर्मों के लोग मुफ्त भोजन ग्रहण करते हैं, जो समानता का प्रतीक है। कुछ श्रद्धालु लाहौर, पाकिस्तान में गुरुद्वारा डेरा साहिब की यात्रा करते हैं, जहां गुरु जी की शहादत हुई। हालांकि, 2021 में कोविड-19 के कारण यह यात्रा रुकी थी, लेकिन 2025 में यात्रा की उम्मीद है। भारत में, गोइंदवाल साहिब और अमृतसर में विशेष आयोजन होंगे।
सिख धर्म में इसका महत्व
गुरु अर्जुन देव जी की शहादत ने सिख धर्म को नई दिशा दी। उनकी शिक्षाएं समानता, करुणा, और सत्य पर आधारित थीं। उन्होंने नक़्शबंदी संप्रदाय और मुगल दरबार के कट्टरपंथियों का विरोध किया, जो सिख धर्म की बढ़ती लोकप्रियता से परेशान थे। उनकी शहादत ने सिखों को एकजुट किया और बाद में गुरु हरगोबिंद जी द्वारा सिख धर्म में सैन्य परंपरा की शुरुआत हुई। यह दिन सिखों को उनके बलिदान की याद दिलाता है और आधुनिक समय में भी धार्मिक स्वतंत्रता के लिए प्रेरित करता है।
निष्कर्ष
Guru Arjun Dev Ji Martyrdom Day 30 मई 2025 को पंजाब में एक महत्वपूर्ण अवकाश के रूप में मनाया जाएगा। यह दिन गुरु अर्जुन देव जी के बलिदान और सिख धर्म की शिक्षाओं को सम्मान देने का अवसर है। पंजाब के लोग गुरुद्वारों में प्रार्थना, लंगर, और कीर्तन के साथ इस दिन को मनाएंगे। अगर आप इस पवित्र दिन को मनाने की योजना बना रहे हैं, तो अमृतसर के हरमंदिर साहिब या गोइंदवाल साहिब की यात्रा करें। Guru Arjun Dev Ji Martyrdom Day सिख इतिहास का एक गौरवशाली पल है, जो हमें साहस और सत्य का पाठ पढ़ाता है।